SHREE RAM WELFARE SOCIETY (REGD.) organization has been working from since 2018. The organization committee is working only with Social Attitude Under the supervision of PRESIDENT SH. HARSH DHAWAN. The organization is basically organized the RAMLEELA AND DUSSEHRA. Our first target is mostly people see Ramleela and dussehra.
Our all team is mostly doing work for Social Activities in Social life. We also started the Rath yatra of lord Rama. We have no of team who are ready to donate blood to everyone who is needy & we have start the compaign to doing best in this field. We all team are ready to provide all facilities to Ramleela and dussehra so if you have plan to see Ramleela first time you can ask about any suggestion or enquiry for Ramleela.
रामलीला का कार्यक्रम भारत में मनाये जाने वाले प्रमुख सांस्कृतिक कार्यक्रमों में से एक है। यह एक प्रकार का नाटक मंचन होता है, जो हिंदू धर्म के प्रमुख आराध्यों में से एक प्रभु श्रीराम के जीवन पर आधारित होता है। इसका आरंभ दशहरे से कुछ दिन पहले होता है और इसका अंत दशहरे के दिन रावण दहन के साथ होता है।
भारत के साथ थाईलैंड और बाली जैसे अन्य देशों में भी काफी धूम-धाम के साथ रामलीला कार्यक्रम का मंचन किया जाता है। मर्यादा पुरुषोत्तम के जीवन घटनाओं पर आधारित रामलीला के इस कार्यक्रम का इतिहास काफी प्राचीन है क्योंकि यह पर्व भारत में 11वीं शताब्दी से भी पहले से मनाया जा रहा है।
रामलीला क्यों मनाई जाती है? (Why Do We Celebrate Ramlila)
महर्षि वाल्मिकी द्वारा रचित ‘रामायण’ सबसे प्राचीन हिंदू ग्रंथों में से एक है। संस्कृत में लिखा गया यह ग्रंथ भगवान विष्णु के सातवें अवतार प्रभु श्री राम के ऊपर आधारित है। जिसमें उनके जीवन संघर्षों, मूल्यों, मानव कल्याण के लिए किये गये कार्यों का वर्णन किया गया है। रामायण के ही आधार पर रामलीला का मंचन किया जाता है, जिसमें मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के जीवन का वर्णन देखने को मिलता है।
रामलीला मंचन के दौरान भगवान श्री राम के जीवन के विभिन्न चरणों तथा घटनाओं का मंचन किया जाता है। एक बड़े और प्रतिष्ठित राज्य का राजकुमार होने के बावजूद उन्होंने अपने पिता के वचन का पालन करते हुए, अपने जीवन के कई वर्ष जंगलों में बिताये।
उन्होंने सदैव धर्म के मार्ग पर चलते हुए लोगो को दया, मानवता और सच्चाई का संदेश दिया। अपने राक्षस शत्रुओं का संहार करने का पश्चात उन्होंने उनका विधिवत दाह संस्कार करवाया क्योंकि उनका मानना था कि हमारा कोई भी शत्रु जीवित रहने तक ही हमारा शत्रु होता है। मृत्यु के पश्चात हमारा उससे कोई बैर नही होता, स्वयं अपने परम शत्रु रावण का वध करने के बाद उन्होंने एक वर्ष तक उसके हत्या के लिए प्रायश्चित किया था।
इतने बड़े राज्य के राजकुमार और भावी राजा होने के बावजूद भी उन्होंने एक ही विवाह किया, वास्तव में उनका जीवन मानवता के लिए एक प्रेरणा है। यहीं कारण कि उनके जीवन के इन्हीं महान कार्यों का मंचन करने के लिए देश भर के विभिन्न स्थानों पर रामलीला के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
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